DA Hike 2025: केंद्रीय कर्मचारियों को 2% बढ़ोतरी का तोहफा

परिचय

केंद्र सरकार ने एक बार फिर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए महंगाई भत्ते (Dearness Allowance – DA) में बढ़ोतरी की घोषणा की है। वर्ष 2025 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) के लिए DA में 2% की वृद्धि की गई है, जिससे अब कर्मचारियों का DA 50% हो गया है। यह निर्णय केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया और इसका उद्देश्य महंगाई के प्रभाव को कम करके कर्मचारियों की क्रय शक्ति को बनाए रखना है।

इस लेख में हम DA की गणना, इसके प्रभाव, सरकार के निर्णय के पीछे के कारणों और कर्मचारियों पर इसके प्रभाव के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे


DA क्या है? (What is Dearness Allowance?)

महंगाई भत्ता (DA) केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अपने कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाने वाला एक भत्ता है, जो महंगाई के कारण होने वाली आय की कमी को पूरा करने के लिए दिया जाता है। यह भत्ता मूल वेतन के एक निश्चित प्रतिशत के रूप में दिया जाता है और समय-समय पर इसमें संशोधन किया जाता है।

DA की गणना All India Consumer Price Index (AICPI) के आधार पर की जाती है। यह भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को दिया जाता है।


DA में 2% वृद्धि का क्या मतलब है?

वर्तमान में, केंद्रीय कर्मचारियों को उनके मूल वेतन का 48% DA मिल रहा था। नई घोषणा के अनुसार, अब यह बढ़कर 50% हो गया है। इसका मतलब है कि:

  • यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन ₹50,000 है, तो अब उसे ₹25,000 DA मिलेगा (50% of ₹50,000), जबकि पहले यह ₹24,000 (48% of ₹50,000) था।
  • इस प्रकार, कर्मचारी को ₹1,000 प्रति माह अतिरिक्त मिलेंगे।
  • वार्षिक स्तर पर यह ₹12,000 की अतिरिक्त आय होगी।

हालांकि यह वृद्धि छोटी लग सकती है, लेकिन यह महंगाई के दबाव को कम करने में मदद करेगी।


DA की गणना कैसे होती है?

DA की गणना निम्न सूत्र के आधार पर की जाती है:

DA % = [(AICPI Average – Base Index) / Base Index] × 100

जहाँ:

  • AICPI Average = पिछले 12 महीनों का औसत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक
  • Base Index = निर्धारित आधार वर्ष का सूचकांक (वर्तमान में 2016=100)

उदाहरण:

यदि पिछले 12 महीनों का AICPI औसत 392 है और आधार सूचकांक 261.4 (2016 के अनुसार), तो:

DA % = [(392 – 261.4) / 261.4] × 100 ≈ 50%

इस प्रकार, DA 50% तक पहुँच गया है।


क्यों बढ़ाया गया DA?

सरकार ने DA में यह वृद्धि निम्न कारणों से की है:

  1. महंगाई दर में वृद्धि: पिछले कुछ महीनों में खाद्य पदार्थों, ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हुई है।
  2. कर्मचारियों की क्रय शक्ति बनाए रखना: DA बढ़ने से कर्मचारियों की वास्तविक आय स्थिर रहती है।
  3. आर्थिक स्थिरता: सरकार चाहती है कि कर्मचारियों की खर्च करने की क्षमता बनी रहे, जिससे अर्थव्यवस्था में मांग बनी रहे।

DA बढ़ोतरी का कर्मचारियों पर प्रभाव

  1. वेतन में वृद्धि: कर्मचारियों का मासिक वेतन बढ़ेगा, जिससे उनकी बचत और खर्च करने की क्षमता में सुधार होगा।
  2. पेंशनरों को लाभ: पेंशनधारकों को भी अतिरिक्त राशि मिलेगी, जिससे उनकी आय में सुधार होगा।
  3. कर प्रभाव: DA वेतन का हिस्सा है, इसलिए यह आयकर के दायरे में आता है।
  4. भविष्य की मांगों पर प्रभाव: कुछ कर्मचारी संगठन DA को 50% से अधिक करने और इसे पूर्ण वेतन में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।

अन्य लाभ जो DA बढ़ने से जुड़े हैं

  1. ग्रेच्युटी और PF में वृद्धि: DA बढ़ने से ग्रेच्युटी और भविष्य निधि (PF) की गणना भी प्रभावित होती है।
  2. ऋण क्षमता बढ़ना: बैंकों द्वारा वेतनभोगियों को अधिक ऋण दिए जाने की संभावना बढ़ती है।
  3. मकान किराया भत्ता (HRA): कुछ शहरों में HRA भी DA के साथ जुड़ा होता है, जिससे कर्मचारियों को अधिक लाभ मिल सकता है।

राज्य सरकारों पर प्रभाव

केंद्र सरकार के निर्णय के बाद, राज्य सरकारें भी अपने कर्मचारियों के लिए DA बढ़ाने पर विचार कर सकती हैं। कई राज्य केंद्र के फॉर्मूले का पालन करते हैं, इसलिए उनके कर्मचारियों को भी जल्द ही इसका लाभ मिल सकता है।


निष्कर्ष

केंद्र सरकार द्वारा DA में 2% की वृद्धि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक सकारात्मक कदम है। यह महंगाई के दबाव को कम करने और उनकी क्रय शक्ति को बनाए रखने में मदद करेगा। हालांकि, कुछ कर्मचारी संगठनों का मानना है कि DA को और अधिक बढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि वास्तविक महंगाई दर DA फॉर्मूले से अधिक है।

भविष्य में, यदि महंगाई दर और बढ़ती है, तो सरकार को DA में और समायोजन करने की आवश्यकता हो सकती है। फिलहाल, यह बढ़ोतरी लाखों कर्मचारियों के लिए एक राहत भरी खबर है।

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